कंपनी में कार्यरत असंगठित मजदूरों की विभिन्न समस्याओं उनके हो रहें शौषण के ख़िलाफ़ अरविंद कुमार रतूड़ी का संवैधानिक जंग का आगाज.
एस.के.24 तास
दिनांक २०/१२/२०२३ नागपुर ग्रामीण जिला बुट्टीबोरी एम.आई.डी.सी.इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में स्थित अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा निर्माता कंपनी मोरारजी टेक्सटाइल कंपनी में कार्यरत असंगठित २००० महिला पुरूष मजदूरों की विभिन्न समस्याओं कंपनी द्वारा उनके मौलिक अधिकारों के हनन और कुछ दिन पूर्व कंपनी के अधिकारियों द्वारा महिला कर्मचारियों की बाथरूम से मोबाइल द्वारा निकाली गई फोटो के ख़िलाफ़ सामाजिक संगठन किंग कोबरा आर्गेनाइजेशन यूथ फोर्स राष्ट्र निर्माण की और दो कदम नारी शक्ति एक सम्मान और पशु क्रूरता के ख़िलाफ़ जंग नागपुर महाराष्ट्र के संस्थापक अध्यक्ष और राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण कार्यकर्ता अरविंद कुमार रतूड़ी ने विभिन्न संभावित विभागों के साथ साथ एमआईडीसी इंडस्ट्रीयल क्षेत्र के पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अशोक कोड़ी से मुलाकात करते हुए आरोपियों और कंपनी प्रबंधकों के ख़िलाफ़ अति शीघ्र सख़्त से सख़्त क़ानून कार्रवाई करने हेतु ज्ञापन सौंपा और अगर मजदूरों के हितों की अनदेखी की गई तथा जिन मजदूर कर्मचारी महिलाओं की बाथरूम करते वक्त फोटो निकाली गई उन फोटो निकालने वाले कंपनी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई करने में विलंब जो हो रहा है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानून कार्रवाई जल्दी से जल्दी अगर नहीं की गई तो उपरोक्त सभी सामाजिक संगठनों की तरफ से संस्थापक अध्यक्ष अरविंद कुमार रतूड़ी के नेतृत्व में तीव्र जन आंदोलन और चक्काजाम आंदोलन किया जाएगा और माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मोरारजी टेक्सटाइल कंपनी उनके अधिकारियों प्रबंधकों तथा गंभीर ज्वलनशील मामलों को अनदेखा करने वाले भ्रष्ट रिश्वतखोर शासन प्रशासन के अधिकारियों के विरुद्ध जनहित याचिका अरविंद कुमार रतूड़ी द्वारा दायर की जाएगी क्योंकि इससे पूर्व भी इस कंपनी में मजदूरों का विभिन्न प्रकार से शौषण किया गया और उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया गया जिसके लिए मजदूरों द्वारा अर्धजल समाधि आंदोलन भी किया गया और कंपनी द्वारा भविष्य में मजदूरों को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा ऐसा लिखित आदेश पुलिस और शासन प्रशासन के अधिकारियों के सामने दिया गया मगर फिर से मजदूरों को प्रताड़ित किया जा रहा है इस कारण अरविंद कुमार रतूड़ी द्वारा मजदूरों के हितों की रक्षा हेतु संवैधानिक तरीके से जंग का आगाज किया गया है.